मेरी कत्ल करने से पहले मुझे छलाये रखना ,
इश्क ने बेजबान बनाया है तुम इसे बनाये रखना ,
दिखाती हो अदा कातिल हमें , तीरे -नजर चलने देना,
जब तक तक तलवार म्यान में है मोती को पिरोये रखना,
मेरी राह को दीवार बनाने उठाके पथ्थर वो ले गया ,
आईना बनाया वो पथ्थर को चहेरा सजाये रखना,
कुछ न कुछ मेरे दरमियाँ बाकी तो रह गया होगा ,
मेरे साथ बंधे एक धागे को बदन पे लगाये रखना,
आँख से गिरा आँसू तू ने अपनी आँख पे ले लिया ,
आँसूओ से धुली ख़ुशी की तरह रिश्ते को गुनगुनाये रखना,
मुकुल दवे "चातक"